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Date: October 12, 2017 at 12:01 pm
भारत यात्रा बुलेटिन-12 अक्‍टूबर, 2017
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चंडीगढ़, विराटनगर और जयपुर में भारत यात्रा
 
गुरुवार को चंडीगढ़ और राजस्‍थान के विराटनगर और जयपुर में भारत यात्रा का भव्‍य स्‍वागत और सम्‍मान किया गया। इन जगहों पर बाल यौन शोषण और दुर्व्‍यापार के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए जनसभाओं और रैलियों का आयोजन किया गया,जिसमें हजारों लोगों ने उत्‍साह के साथ भाग लिया। सबसे खुशी की बात तो यह है कि पंजाब विश्वविद्यालय के आग्रह पर और उसके स्‍थापना दिवस पर डाक विभाग ने नोबेल विजेता के सम्‍मान में एक डाक लिफाफा भी तैयार किया जिसे स्‍वयं श्री सत्‍यार्थी के हाथों जारी करवाया गया। इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय के लाल बहादुर शास्‍त्री शोध पीठ की ओर से श्री कैलाश सत्‍यार्थी को चेयर प्रोफेसर भी बनाया गया। इसके अलावा बुधवार को जयपुर में बाल यौन शोषण के खिलाफ बच्‍चों की सुरक्षा के सवाल पर नोबेल विजेता श्री सत्‍यार्थी ने जो दुनिया की सबसे बड़ी कक्षा ली थी और जिससे देश के चार करोड़ बच्‍चे प्रत्‍यक्ष और परोक्ष तरीके से लाभान्वित हुए थे, को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज करने की घोषणा भी आज की गई।
 
नोबेल शांति पुरस्‍कार विजेता श्री कैलाश सत्‍यार्थी ने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय के मुख्‍य सभागार में छात्रों को संबोधित करते हुए भारत यात्रा के महत्‍व के बारे में बताया। उन्‍होंने कहा कि दुनिया के 15 करोड़ बच्‍चे ऐसे हैं जो बाल मजदूरी और गुलामी कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि 6 करोड़ बच्‍चे ऐसे हैं जिन्‍होंने स्‍कूल का कभी मुंह नहीं देखा है। श्री सत्‍यार्थी ने कहा कि हम भारत यात्रा के जरिए एक नए भारत का निर्माण करना चाहते हैं। एक ऐसे भारत का जहां हरेक बच्‍चा स्‍कूल जाएगा, स्‍वस्‍थ और सुरक्षित रहेगा। बाल हिंसा के खिलाफ लोग अपनी आवाज बुलंद करेंगे, चुप्‍पी तोड़ेंगे और डर को अपने मन से दूर करके अपनी निष्क्रियता को खत्‍म करेंगे।
 
नोबेल विजेता ने इस अवसर पर कहा कि मेरा सपना है कि भारत के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर बच्‍चों के लिए सुरक्षित हों। अगर कोई बच्‍ची हिंसा से बचने के लिए किसी घर्मस्‍थल की ओर रुख करे, तो उसे वहां वह सुरक्षा मिले, जिसकी उसे दरकार है। उन्‍होंने कहा कि हम भारत की उस मानसिकता को भी बदलना चाहते हें जो किसी बच्‍ची के साथ हुई हिंसा को उस बच्‍ची से जोड़कर देखता है और कहता है कि तुम्‍हारी इज्‍जत लूट गई और अब तुम कलंकिनी हो गई। उन्‍होंने कहा कि इज्‍जत तो उसकी लूटती है जो बलात्‍कार करता है और अपराध करता है। बच्‍चों की सुरक्षा के लिए बने पॉक्‍सो का जिक्र करते हुए उन्‍होंने चिंता जाहिर की कि पिछले साल इसके तहत दर्ज मुकदमों में मात्र 4 फीसदी अपराधियों को ही सजा मिल मिल सकी। उन्‍होंने बच्‍चों को त्‍वरित न्‍याय दिलाने के लिए सरकार से हरेक जिले में फास्‍ट ट्रैक कोर्ट भी बनाने की मांग की। उन्होंने पीड़ितों और गवाहों को भी सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की। उन्‍होंने एक ऐसी विकासपरक योजना भी बनाने की सरकार से मांग की, जो बाल केंद्रित हों। लोगों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत बनाने के लिए अब आप अपनी खामोशी और चुप्‍पी को तोड़िए और भारत यात्रा का हिस्‍सा बनते हुए जागरुकता फैलाइए।
 
पंजाब विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर श्री अरुण कुमार ग्रोवर ने जनसभा को संबोधित करते हुए भारत यात्रा के कारवां को निकालने के लिए श्री कैलाश सत्‍यार्थी को बधाई दी और कहा कि वे इस अभियान को हरसंभव मदद करेंगे। मंच पर श्री सत्‍यार्थी की धर्मपत्‍नी श्रीमती सुमेधा कैलाश,प्रो वाइस चांसलर श्री बीएस गुमान, लाल बहादुर शास्‍त्री शोध पीठ की प्रो श्रीमती मिनाक्षी अग्रवाल और डिपार्टमेंट ऑफ़ गांधी एंड पीस स्‍टडी के प्रो. मनीष शर्मा की गरिमामायी उपस्थिति अंत तक बनी रही।
 
पंजाब विश्वविद्यालय के आग्रह पर और उसके स्‍थापना दिवस पर गुरुवार को डाक विभाग ने नोबेल विजेता के सम्‍मान में एक डाक लिफाफा भी तैयार किया जिसे स्‍वयं श्री सत्‍यार्थी के हाथों जारी करवाया गया। इस अवसर पर पंजाब विवि के लाल बहादुर शास्‍त्री शोध पीठ की ओर से श्री कैलाश सत्‍यार्थी को चेयर प्रोफेसर भी बनाया गया। पंजाब विवि के कैम्‍पस से यहां सबसे पहले एक रैली निकाली गई जो मुख्‍य सभागार में जनसभा में तब्‍दील हो गई। जनसभा में बाल हिंसा के खिलाफ छात्रों की भी एक सभा हुई। यहां हजारों लोगों को “सुरक्षित बचपन,सुरक्षित भारत” की भी शपथ दिलाई गई।
चंडीगढ़ में भारत यात्रा के एक और कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। यहां के गवर्नमेंट महिला महाविद्यालय में सबसे पहले चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भारत यात्रा का स्‍वागत किया। भारत यात्रा के स्‍वागत के बाद वहां एक जनसभा का आयोजन किया गया।
 
यहां के हजारों छात्रों को संबोधित करते हुए नोबेल विजेता ने बच्‍चों को सादगी, कोमलता और निश्‍छलता की प्रतिमूर्ति कहा। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों को हम सिखाते हैं लेकिन कभी-कभी हमें उनसे भी सीखना चाहिए क्‍योंकि बच्‍चे ही पूरी दुनिया को एक कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें उनसे दोस्‍ती करनी चाहिए और उनके मन की बातों को जानना चाहिए। यहां छात्रों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि आप हिंसा और युद्ध के सबसे ज्‍यादा शिकार होते हैं। उन्‍होंने यहां भारत यात्रा सहित और भी यात्राओं के बारे में उन्‍हें जानकारी दी जो उनके अधिकारों के लिए निकाली गईं।
 
चंडीगढ़ से भाजपा की लोकसभा सांसद श्रीमती किरण खैर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बच्‍चों का यौन शोषण एक बड़ा मसला है जो भारत को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है। बाल हिंसा समाज के ताने-बाने को भी बिगाड़ रहा है जिससे बच्‍चों का भविष्‍य खत्‍म हो रहा है। बच्‍चों के खिलाफ हिंसा को उन्‍होंने मानवता का सबसे बड़ा दुश्‍मन बताया। बाल यौन शोषण और दुर्व्‍यापार के खिलाफ भारत यात्रा का कारवां निकालने के लिए उन्‍होंने लोगों से श्री कैलाश सत्‍यार्थी का समर्थन करने का भी आह्वान किया। जनसभा को चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्‍यक्ष श्रीमती हरिजिंदर कौर ने भी संबोधित किया। यहां के सभागार में बाल अधिकार विषयक एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों बच्‍चों ने भाग लिया। पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्‍कार नोबेल विजेता के हाथों बच्‍चों को प्रदान किए गए। लोगों को “सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत” बनाने की यहां शपथ भी दिलाई गई। गवर्नमेंट महिला महाविद्यालय में एक रैली भी निकाली गई जिसमें स्‍कूली बच्‍चों, उनके अभिभावकों,युवाओं, महिलाओं और भारत यात्रा के यात्रियों ने बाल हिंसा के खिलाफ जोरदार नारे लगाएं।
 
उधर राजस्‍थान के शाहपुर और विराटनगर में भी भारत यात्रा को लेकर तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सबसे पहले शाहपुर के नूतन स्‍कूल में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसे कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन की सुश्री सम्‍पूर्णा, लक्ष्‍मण जी और स्‍कूल के निदेशक- प्रिंसिपल श्री ओमप्रकाश जी ने संबोधित किया। यहां सभी वक्‍ताओं ने कहा कि बच्‍चों के अधिकारों के लिए स्‍कूल और समाज मिलकर एक कार्यक्रम बनाएंगे जिसमें केएससीएफ सहयोग करेगा। शाहपुर की सभा के बाद विराटनगर के बाबा नारायण डिग्री कॉलेज से एक रैली निकाली गई जिसमें स्‍कूली बच्‍चों सहित उनके अभिभावकों, युवाओं, महिलाओं और भारत यात्रा के यात्रियों ने बाल हिंसा के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाएं। तीसरी रैली विराटनगर के मेन रोड से बाल आश्रम तक पहुंची। रैली जहां-जहां पहुंचती रही वहां-वहां भारत यात्रा का गांव के लोगों ने तरह-तरह से स्‍वागत किया।
 
दिनांक 11 अक्‍टूबर 2017 को नोबेल शांति पुरस्‍कार विजेता श्री कैलाश सत्‍यार्थी ने जयपुर में बच्‍चों की सुरक्षा के सवाल पर दुनिया की जो सबसे बड़ी “सत्‍यार्थी कक्षा”ली थी, और जिससे देश के चार करोड़ बच्‍चे प्रत्‍यक्ष और परोक्ष तरीके से लाभान्वित हुए थे, को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज किया गया।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड के श्री स्विपनल डेंगारिकर ने इस बारे मे जानकारी देते हुए बताया, “इस कार्यक्रम का हिस्‍सा बनते हुए मुझे खुशी हो रही है। कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन ने जिस उद्देश्य से इस भारत यात्रा का आयोजन किया वह आज की दुनिया के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। मुझे यह भी बताने में खुशी हो रही है कि बाल यौन शोषण के खिलाफ सुरक्षा के सवाल पर बुधवार को दुनिया की सबसे बड़ी कक्षा ली गई। उन्‍होंने कहा, “हम इसके लिए नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्‍याथीं और उनके केएससीएफ को बधाई देते हैं।“
कन्‍याकुमारी के विवेकानंद शिला स्‍मारक से 11 सितंबर,2017 को शुरू हुई भारत यात्रा अब तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए लगभग 9,500 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। 16 अक्टूबर को इसका समापन दिल्ली में राष्‍ट्रपति भवन में होगा, जहां भारत के माननीय राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद और भारत को बच्‍चों के लिए सुरक्षित बनाने का स्‍वप्‍न देखने वाले नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्‍यार्थी देश के अन्‍य गणमान्‍यों के साथ होंगे। इस यात्रा के जरिए 1 करोड़ लोगों से सीधे सम्पर्क का लक्ष्‍य रखा गया है।
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