
भारत यात्रियों के साथ दिल्ली पहुंचे नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी
नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बाल यौन शोषण और दुर्व्यापार के खिलाफ कन्याकुमारी के विवेकानंद शिला स्मारक से 11 सितंबर, 2017 को आरंभ हुई “भारत यात्रा” का कारवां रविवार को दिल्ली में टिकरी कलां सीमा के सर्वोदय कन्या विद्यालय पहुंचा।“सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत” बनाने के लिए भारत यात्रियों का यह काफिला देश के 23 राज्यों में बाल हिंसा के खिलाफ जन-जागरुकता फैलाते हुए 12,000 किलोमीटर का सफर तय करके दिल्ली पहुंचा है। इस अवसर पर दिल्ली सरकार और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से हजारों लोगों ने श्री कैलाश सत्यार्थी और भारत यात्रियों की अगवानी की और दिल्ली सरकार के राजस्व मंत्री श्री कैलाश गहलौत ने विधायकों के साथ उनका स्वागत किया। भारत यात्रियों का बैंड-बाजों और गाजे-बाजों के साथ भी सम्मान किया गया। टिकरी कलां सीमा के सर्वोदय कन्या विद्यालय में इस अवसर पर एक जनसभा का भी आयोजन किया गया। जनसभा के बाद भारत यात्रियों का कारवां सीधे राजघाट पहुंचा जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्री सत्यार्थी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शाम में चाणक्यपुरी के विश्व युवा केंद्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और सुबह में एक बाइकर्स रैली का भी आयोजन किया गया।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने दिल्ली में टिकरी कलां सीमा के सर्वोदय कन्या विद्यालय के सभागार से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को लोग दिल वालों के नाम से जानते हैं। दिल वालों के नाम से दिल्ली को लोग इसलिए जानते हैं क्योंकि यहां के लोगों में यह क्षमता है कि वे सैकड़ों-हजारों सालों से देश के कोने-कोने से आए लोगों को अपने यहां बसा लेते हैं। इस अवसर पर उन्होंने टिकरी कलां सीमा गांव के लोगों को दिल्ली का असली वाशिंदा करार देते हुए उनसे आह्वान किया कि वे यहां यह संकल्प लें कि दिल्ली को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाएंगे और यहां का एक भी बच्चा बाल हिंसा का शिकार नहीं होगा।
श्री सत्यार्थी ने इस अवसर पर कहा कि बाल यौन शोषण और दुर्व्यापार के खिलाफ देशव्यापी जन-जागरण फैलाकर और 12,000 किलोमीटर का सफर तय करके हम आपके पास पहुंचे हैं। भारत में और दुनिया में बच्चों के सवालों पर इतना बड़ा जन आंदोलन आजतक किसी ने खड़ा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भारत यात्रा हमने इसलिए निकाली ताकि देश के लोग बाल हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। चुप्पी तोड़ें और अपने मन से भय को दूर करें और तभी हम भारत को बच्चों के लिए सुरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने यहां शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने के लिए किए गए अपने संघर्ष की भी चर्चा की और बताया कि बच्चे और युवा ही हमारी यात्राओं और आंदोलन की ताकत हैं जिनकी बदौलत हम शिक्षा को मौलिक अधिकार बना पाएं। इस मौके पर उन्होंने युवाओं और बच्चों को बदलाव का वाहक बताते हुए कहा कि वे ही असली हीरो और चैम्पियन हैं और वे ही देश और दुनिया को बदलेंगे।
दिल्ली सरकार के राजस्व मंत्री श्री कैलाश गहलौत ने कहा कि बच्चों को खुशहाल करने के लिए श्री कैलाश सत्यार्थी ने भारत यात्रा का जो कारवां निकाला है उसको हमारी सरकार की ओर से पूरा-पूरा समर्थन है। उन्होंने यहां यह भी कहा कि बच्चे अगर खुशहाल हैं, सुरक्षित हैं तो यह देश भी खुशहाल और सुरक्षित है।
बुराड़ी के विधायक श्री संजीव झा ने कहा कि सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत बनाने के लिए श्री कैलाश सत्यार्थी पिछले 37-38 सालों से जो संघर्ष कर रहे हैं वह वंदनीय है। उन्होंने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि इस सर्वोदय कन्या विद्यालय का नाम बदल कर “कैलाश सत्यार्थी कन्या विद्यालय” किए जाने की कोशिश की जाएगी।
इस अवसर पर बाल दुर्व्यापार की शिकार रही भारत यात्री रजनी कुमारी ने भी लोगों को संबोधित किया और अपनी व्यथा को लोगों से साझा किया। जनसभा के मंच पर नोबेल विजेता की धर्मपत्नी श्रीमती सुमेधा कैलाश,बुराड़ी के एसडीएम, डिविजनल कमीश्नर, बांग्लादेश की पूर्व शिक्षा मंत्री मोहतरमा राशिदा चौधरी, इंटरनेशनल एजुकेशन के महासचिव श्री फ्रेड ल्यूविन, बचपन बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष श्री आरके चौरसिया, स्कूल की प्रिंसिपल और अनेक गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति अंत तक बनी रही। सभागार में गांव के बड़े-बुजुर्गों की भी शानदार उपस्थिति देखी गई। गांव के बड़े-बुजुर्गों ने इस अवसर पर एक ओर जहां फूल-माला पहनाकर श्री सत्यार्थी का स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने उनको पगड़ी भी पहनाई। सभागार में समय-समय पर बाल हिंसा के खिलाफ जोरदार नारे भी लगते रहे। यहां लोगों को “सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत” की शपथ भी दिलाई गई।
टिकरी कलां की जनसभा से पहले हरियाणा के बहादुरगढ़ के सैनिक पब्लिक स्कूल में भारत यात्रियों ने एक रैली निकाली। रैली में स्कूली बच्चों, उनके अभिभावकों,स्थानीय लोगों, युवाओं, और महिलाओं ने बाल अधिकारों के लिए गगनभेदी नारे लगाएं।
उधर रविवार की सुबह बाल यौन शोषण के खिलाफ एक बाइकर्स रैली का भी आयोजन किया गया। यह रैली गुड़गांव के एम्बियेंस मॉल से आरंभ हुई और दिल्ली के इंडिया गेट के समीप ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम पर समाप्त हुई। “सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत” अभियान का समर्थन करने के लिए 450 से अधिक बाइकरों ने यह रैली निकाली, जिसमें महिला बाइकरों की संख्या 50 थी।
इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त श्री अजय चौधरी ने सभी बाइकरों का स्वागत किया और कहा कि जब तक बच्चे सुरक्षित नहीं होंगे तब तक यह देश भी सुरक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बाल यौन शोषण के खिलाफ यह लड़ाई इंडिया गेट पर ही समाप्त नहीं हो जाती बल्कि यह लड़ाई नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में आगे भी जारी रहेगी।
इस अवसर पर “बचपन बचाओ आंदोलन” के अध्यक्ष श्री आरके चौरसिया ने कहा कि बाल यौन शोषण के खिलाफ यह लड़ाई श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में तब तक जारी रहेगी जब कि हमको न्याय नहीं मिल जाता। सेवानिवृत्त रियर एडमिरल राहुल स्रावत ने बाइकरों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी बाइकर्स को धन्यवाद देते हैं कि वे बाल यौन शोषण के खिलाफ हमारी इस लड़ाई को समर्थन देने के लिए यहां जमा हुए। जिन-जिन संस्थाओं के बाइकरों ने बाल हिंसा के खिलाफ रैली निकाली, वे हैं- बाइकर्स पाराडाईज,युनाइटेड स्पार्टन्स, राइडर्स एलायंस ग्रुप, दिल्ली रॉयल इनफील्ड राइडर्स, बजाज एवेंजर्स क्लब, पुरानी दिल्ली मोटरसाईकिलर्स और द मोटरसायकिल्स्टिस।
टिकरी कलां सीमा की जनसभा के बाद भारत यात्रियों का कारवां सीधे राजघाट पहुंचा, जहां श्री कैलाश सत्यार्थी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। यहां भी लोगों को “सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत” बनाने की शपथ दिलाई गई। यहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नोबेल विजेता ने कहा कि मैं जब भी कोई यात्रा समाप्त करता हूं, तो यहां आता हूं और राष्ट्रपिता को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि यहां आकर हमें ताकत मिलती है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा के रास्ते पर चल कर ना केवल देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाई बल्कि समाज और देश को चलाने का एक रास्ता भी दिखाया और उनके बताए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर यदि हम चलेंगे तो समाज मजबूत बनेगा, नहीं तो वह बिखर जाएगा। उन्होंने सभी यात्रियों को संबोधित करते हुए बताया कि हम 12,000 किलोमीटर का सफर तय करके यहां तक पहुंचे हैं। हमने एक लक्ष्य रखा था कि इस यात्रा के दौरान 10,000,00 लोग सड़कों पर बाल हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे लेकिन यह आंकड़ा आज 12,000,00 पार कर गया है। भारत यात्रियों से उन्होंने कहा कि आपकी जबान और पैरों में जो ताकत है उसीताकत से बदलाव आएगा और हमें पूरा विश्वास है कि हम यह बदलाव लाकर रहेंगे।
चाणक्यपुरी के विश्व युवा केंद्र में भारत यात्रियों ने भी अपने अनुभवों को साझा करते हुए लोगों को बताया कि भारत यात्रा ने उनकी जिंदगी को भी बदला है और देश को बच्चों के लिए सुरक्षित करने के लिए वे एक क्या कई-कई भारत यात्रा करने का माद्दा रखते हैं। इस अवसर पर श्री सत्यार्थी ने भारत यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी पांव इतना मजबूत नहीं हैं जितने मेरे भारत यात्रियों के हैं। उनकी आवाज भी इतनी दमदार है कि जिसका दुनिया में कोई सानी नहीं है। इनके पांव और आवाज ने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया है। श्री सत्यार्थी ने कहा कि मैं यह बात जानता था और यात्रियों से कहता था कि आप वह करके दिखाओ जिसे दुनिया ने कभी नहीं किया।
कन्याकुमारी के विवेकानंद शिला स्मारक से 11 सितंबर,2017 को शुरू हुई भारत यात्रा अब अपने लक्ष्य 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए लगभग 12,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करके दिल्ली पहुंच चुकी है और बाल यौन शोषण और दुर्व्यापार के खिलाफ लगभग 12,000,00 लोग सड़कों पर उतरे। 16 अक्टूबर को यानी सोमवार को इसका समापन दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में होगा, जहां भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और भारत को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने का स्वप्न देखने वाले नोबेल विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी देश के अन्य गणमान्यों के साथ होंगे। शाम में दिल्ली के कनाट प्लेस के पालिका बाजार में इंडियन ओशियन बैंड की ओर से भारत यात्रियों के लिए एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।